Friday 2 July 2010

एक जन आन्दोलन के लिए हम सब को एक होना होगा

प्यारे दोस्तों आप सबो को झारखंडी जोहर,
हम कब तक दुसरो को (नेता) गली देते रहेंगे, दो रुपये की पान खा कर थूकते हुए हम कितनी आसानी से देश के प्रधानमंत्री तक को गाली दे जाते हैं । अपनी जिमेदारी से हम क्यों पीछे हट जाते हैं ये कहते हुए की आन्दोलन का काम तो नेताओं का है। क्यों भाई हम सभी इस देश के नागरिक नहीं हैं क्या, तो क्यों नहीं एक दिन हम सब अपने लिए ही देते हैं। हमारी सामूहिक एकता की आवश्कता है तभी कुछ हो सकता है। वरना भगवान ही मालिक है.
मैं अपना लेख सीधे मुद्दे से शुरू करता हूँ। आज हमारे देश में जिस तरह से महगाई बढ़ रही है। आम जनता के पास तो इससे निपटने के लिए कोई दूसरा विकल्प ही नहीं है। और हमारी इ सर्कार झूटे प्रलोभन देने से बाज नहींआती है। हम आम जनता सोचते हैं की हम क्या कर सकते हैं। ये हमारे बस ki बात नहीं है। जो करेंगें , ये नेता जी ही कर सकते हैं। हम बस केवल आपस में मिलकर दोस्तों के साथ इस विषय के बारे में दो चार बाते कर लेते हैं सर्कार को भर पेट गलियां दे लेते हैं और घर जा कर खाना खाते वक्त अपनी माँ, बहन या बीबी से झिझकते हुए कहते हैं जरा हिसाब से बनाओ महंगाई आसमान छु रही है। जैसे लगता है इस महंगाई का कारन वही हैं, भाईओ ये महंगाई केवल हमारी जेब को ही तंग नहीं करती है बल्कि रिश्ते - नाते सब में खट्टाई घोल जाती है। हम जिस मेहमान को भगवान का रूप कह कर कल तक स्वागत करते थे आज वही हमारे लिए बोझ से महसूस होते हैं। मैं कोई नई या आश्चर्य वाली बात नहीं कर रहा हूँ। इन सब बातो से आप सब रोज दो-चार होते होंगे। लेकिन कुछ समय के लिए ही सोचते होंगे। मैं आप सभी के इस क्रांतिकारी सोच को एक आन्दोलन का रूप देना छठा हूँ। हम सभी नेता को गली देकर निकल जाते है। लेकिन जब कुछ करने की बरी आती है तो हम अपनी बगले झाकने लगते हैं । आखिर कब तक यूँ ही चलता रहेगा। किस दिन हम अपनी जिमेदारी को समझेंगे। मैं बस हम सबो के दिल में एक आन्दोलन की आग देखना चाहता हूँ , समस्या केवल महंगाई का नहीं है। चोरी, दकयेती, बलात्त्कर भ्रस्ताचार, आतमहत्या जसी समस्या भी हमारे सामने मुह बाये हमेसा कड़ी रहती है। हमे इससे भी लड़ना है। जो हमारे प्रयास यानि हम सब के प्रयास से ही सुधर सकता है। क्या आप है तयार इस मुहीम में। हम जब तक अपनी जिमेदारी से भगेंगे तब तक ये समस्या हमरा पिचा करेंगी। जागो चलोआगे बढ़ो एक नये आन्दोलन के लिए, जो हमारे अपने हक़ के लिए है।
आप सबो का इंतजार रहेगा। विकास